
जिसका काम ही है ठगना, वो तो ठगेगा. चाहे ख़ुशी हो, ग़म हो या कोरोना वायरस फैला हो. दुनियाभर में जब साढ़े सात लाख से ज़्यादा लोगों को इंफेक्शन हो चुका है, तो कुछ लोगों ने इस मुश्किल में भी ठगी के तरीके ढूंढ लिए हैं.
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जिन तरीकों से ठगी की कोशिश हो रही है, उनमें से कुछ नीचे बताई है।
फेक UPI ID!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही PM-CARES फंड का ऐलान किया था, जिसमें इमरजेंसी परिस्थितियों के लिए फंड इकट्ठा किया जाएगा. इसके लिए डोनेट करने के तमाम रास्ते बताए गए, जिनमें से एक था UPI आईडी के माध्यम से. लेकिन 24 से 48 घंटे में ही सोशल मीडिया पर PM-CARES के नाम से एक फेक यूपीआई आईडी सर्कुलेट होने लगी.
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PIB ने ट्वीट करके इस बारे में आगाह भी किया.
Beware of Fake UPI ID being circulating on the pretext of PM CARES Fund.#PIBFactcheck: The correct UPI ID of #PMCaresFunds is pmcares@sbi#PMCARES #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/eHw83asBQ9
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 29, 2020
डेटा फ्री, नेटफ्लिक्स फ्री!
लॉकडाउन शुरू होने के बाद ऐसे तमाम मैसेज सर्कुलेट हुए कि जियो ने 21 दिन के लिए डेटा फ्री कर दिया है, नेटफ्लिक्स ने 21 दिन के लिए सब्सक्रिप्शन फ्री कर दिया है. कई यूजर्स को तो 10 सवालों का सर्वे फॉर्म भरने का मैसेज भी आया. कि ये फॉर्म भरते ही फ्री सब्सक्रिप्शन मिलेगा. असल में ये सब फिशिंग (ठगी) मैथड्स थे. ऐसा कुछ नहीं था.
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WHO का मैसेज!
इसी तरह का एक और ई-मेल चल रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के नाम से. इसमें लिखा रहता है कि WHO की तरफ से आपको कोरोना वायरस के खिलाफ सेफ्टी गाइडलाइंस भेजी गई हैं. जानने के लिए क्लिक करें. और क्लिक करते ही आपकी सारी पर्सनल डिटेल्स फिशिंग साइट्स के पास चली जाती हैं.
कोरोना एंटीवायरस नाम से साइट ही बना डाली! इसी तरह एक फिशिंग साइट काफी सुर्खियों में है. नाम है- कोरोना एंटीवायरस. अब जैसे हालात आजकल हैं, उसमें कोई भी ये नाम देखकर क्लिक कर ही देगा. बस क्लिक करते ही आपकी इंफॉर्मेशन लीक.
इंटरपोल की चेतावनी! इंटरनेशनल पोलिस ऑर्गनाइज़ेशन यानी इंटरपोल ने भी चेताया है कि कोरोना वायरस के डर का फायदा उठाकर कुछ लोग फिशिंग कर रहे है. कुछ फिशिंग साइट्स ऐसी हैं, जो उन लोगों की जानकारी ले रही हैं, जिनके परिवार में कोई कोरोना पॉजिटिव मिला है. फिर इन लोगों को WHO अधिकारी बनकर कॉल या ई-मेल कर रहे हैं और इलाज के नाम पर पैसे ले रहे हैं.
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इसके अलावा कोरोना के टाइम में लोगों के तमाम ट्रैवल प्लान कैंसल हो रहे हैं. इसके बदले में पूरा रिफंड दिलाने के नाम पर भी कुछ फिशिंग साइट्स एक्टिव हैं, जो ट्रैवल साइट्स बनकर ठगी कर रही हैं. बेहतर होगा कि आपने जिस माध्यम से टिकट कराया है, वहीं से कैंसल कराएं. ज़्यादातर ऑपरेटर अच्छा-ख़ासा रिफंड दे रहे हैं. और ज़्यादा के लालच में न आएं.