सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया कि सोमवार से सिर्फ बेहद जरूरी यानी अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई की जाएगी. जरूरत के मुताबिक ही बेंच बैठेगी. एक मुकदमे में वकील के साथ मदद करने के लिए सिर्फ एक ही मुवक्किल कोर्ट में दाखिल होगा. सुप्रीम कोर्ट के सभी एंट्री गेट पर और अंदर भी जगह-जगह सुरक्षाकर्मी मास्क लगाकर ड्यूटी करेंगे.
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इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया कि सोमवार से सिर्फ बेहद जरूरी यानी अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई की जाएगी. जरूरत के मुताबिक ही बेंच बैठेगी. एक मुकदमे में वकील के साथ मदद करने के लिए सिर्फ एक ही मुवक्किल कोर्ट में दाखिल होगा. सुप्रीम कोर्ट के सभी एंट्री गेट पर और अंदर भी जगह-जगह सुरक्षाकर्मी मास्क लगाकर ड्यूटी करेंगे.
कोरोना की दवा न बना पाने का मुख्य कारण है चूहों की कमी
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और कोर्ट प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक मे चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने कोरोना वायरस के प्रति ज्यादा सतर्कता बरतने के कई उपायों पर चर्चा की.
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इस बैठक के दौरान पहले तो इस बात पर चर्चा हुई कि क्या होली की छुट्टियों को एक हफ्ता और बढ़ा दिया जाए? चर्चा के दौरान बात इस पर आकर टिकी कि इससे तो अदालतों में कामकाज पूरी तरह ठप हो जाएगा. लिहाजा ऐसा कदम उठाया जाए, ताकि न्यायिक कार्य भी चलता रहे और एहतियात भी बरता जा सके. इसके बाद तय किया गया कि अगले आदेश तक कोर्ट का कामकाज जारी रहेगा. हालांकि 31 मार्च तक लॉ इंटर्न और लॉ कॉलेज या यूनिवर्सिटी के छात्रों के अदालत परिसर में आने पर रोक रहेगी. इसके अलावा बाहरी लोगों के भी सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश पर रोक रहेगी.
वकील को सर्दी, जुकाम या बुखार हो, तो टल जाएगी तारीख
इस बैठक के बाद जारी सर्कुलर में यह भी साफ किया गया कि अगर किसी वकील को सर्दी, जुकाम या बुखार है, तो उसे अदालत आने की जरूरत नहीं है. इसी आधार पर उसे सुनवाई का स्थगन मिल जाएगा. दिल्ली हाईकोर्ट में भी सोमवार से सिर्फ जरूरी मामलों की ही सुनवाई होगी. गैर जरूरी या फिर जिनमें कोई अर्जेंसी नहीं है, उन मामलों में स्थगन आदेश और नई तारीख की सूचना वादियों और प्रतिवादियों को मिल जाएगी.
कैदियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी पेशी
अब कोरोना वायरस के चलते दिल्ली की अदालतों में चहलपहल और गहमागहमी की बजाय सन्नाटे जैसी स्थिति रहेगी. अदालतों के सभी दरवाजों पर टेम्परेचर गन और सेनेटाइजर की भी व्यवस्था की जाएगी. कोर्ट आने वाले सभी लोगों के शारीरिक तापमान की जांच की जाएगी और सेनेटाइजर से उनके हाथ साफ कराए जाएंगे. अगले आदेश तक वकीलों को सलाह दी गई है कि वादियों या फरियादियों के लिए विजिटर्स पास पर दस्तखत करने से परहेज करें. वो अपने मुवक्किल को समझाएं कि सुनवाई के लिए भी तब तक कोर्ट आने की जरूरत नहीं है, जब तक कोर्ट उन्हें निजी तौर पर कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए न कहे. जो वादी या प्रतिवादी जेल में बंद हैं, उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई जाए.
सर्कुलर के मुताबिक निचली अदालतों को सलाह दी गई है कि ये सुनिश्चित किया जाए कि कोर्ट रूम और परिसर में भीड़-भाड़ कम हो यानी कुल मिलाकर वो हर संभव उपाय और एहतियात किए जाएं, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से पूरी तरह रोका जा सके. हालांकि अभी तक सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालतों में कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है. सोमवार से अगले आदेश तक नई व्यवस्था लागू रहेगी.
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दिल्ली उच्च न्यायिक सेवाओं की परीक्षाएं स्थगित
कोरोना वायरस के चलते दिल्ली में उच्च न्यायिक सेवाओं की 14 और 15 मार्च को होने वाली मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी गई है. वहीं, गुजरात हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती उपाय पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका यानी पीआईएल पर सुनवाई करने की बात कही है.
https://youtu.be/fGNP7TUk01Y