कोरोना का कहर: आर्थिक मंदी से जूझ रही जनता को EMI और किसानों को ब्याज दर में राहत..

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    देश में कोरोना वायरस जैसी जानलेवा महामारी से देश की जनता को बचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा की थी। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और इन 21 दिनों के लॉक डाउन के दौरान एक जो सबसे बड़ी समस्या सामने आई है, वह है ‘आर्थिक मंदी’। जी हां, मौजूदा हालातों में पूरा भारत आर्थिक मंदी से जूझ रहा है ऐसे में अगर आपको अपने किसी भी प्रकार के लोन की चिंता सता रही है तो, आप अगले 3 महीनों के लिए बेफिक्र हो सकते हैं। जानिए क़िस तरह हो जाएं ग्राहक बेफिक्र।

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    RBI के आदेश!

    दरअसल, इस आर्थिक संकट के बीच रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने देश के 11 सरकारी बैंकों को आदेश देकर उन बैंक के ग्राहकों और किसानों एक बड़ी खुशखब दी है। RBI द्वारा सभी बैंकों को आदेश दिए गए हैं कि, वह अपने किसी भी ग्राहक से अगले 3 महीने तक किसी भी तरह के लोन की EMI नहीं वसूलेगा। देश के इन 11 सरकारी बैंकों ने मंगलवार यानी आज घोषणा कर जानकारी अपने ग्राहकों तक पहुंचाई।

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    बैंकों की घोषणा!

    RBI के आदेश मिलते ही देश के 11 सरकारी बैंकों ने घोषणा कर ग्राहकों तक जानकारी पहुंचाई कि, किसी भी तरह का लोन लेकर EMI की किश्तें चुकाने वाले बैंक ग्राहकों को अगले तीन महीनों यानी 31 मई 2030 तक किसी भी तरह के लोन की EMI की किश्त नहीं चुकानी पड़ेगी। आपको याद दिलाते चलें कि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को जब रेपो रेट घटाने की घोषणा की गई थी। तब इस मुद्दे पर जिक्र किया गया था। जिसके बाद रिजर्व बैंक ने बैंकों को किसी भी लोन पर ब्याज और EMI के भुगतान को तीन महीने तक टालने की अनुमति दे दी थी।

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    किसानों को मिली दो पर्सेंट की छूट!

    भारत में लोक डाउन के कारण आई आर्थिक मंदी के चलते सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। किसानों के इन हालातों को देखते हुए सरकार ने उनके अल्पकालीन फसली ऋण के भुगतान की अवधी को भी बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार द्वारा ये अवधी 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई 2020 तक कर दी गई है। इतना ही नहीं सरकार ने किसानों द्वारा लिए गए कर्ज की ब्याज दरों में 2% छूट देने का फैसला भी किया है। यानी अब किसान 4% की ब्याज दर के आधार पर लोन का भुगतान कर सकेंगे।