‘शिकारपुर के वासी हैं-कमलनाथ आदिवासी हैं’ यह नारा लगा भोपाल स्थित मानस भवन में जहां
‘शिकारपुर के वासी हैं-कमलनाथ आदिवासी हैं’ यह नारा लगा भोपाल स्थित मानस भवन में जहां आदिवासी कांग्रेस ने राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कराया इस कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा आदिवासियों का डीएनए कांग्रेस का है बीजेपी निरंतर घोटाले करती आई है उसने हमेशा आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी की है बीजेपी सरकार ने पैसा कानून में भी घोटाला किया आपको बता दें इस सभा में कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने कमलनाथ को लेकर नारा लगवाया- ‘शिकारपुर के वासी हैं-कमलनाथ आदिवासी हैं’।’।
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कमलनाथ के नारे लगवाने के बाद मरकाम ने आगे कहा- मुझसे कई लोगों ने पूछा, आप कौन होते हो कमलनाथ जी को आदिवासी का सर्टिफिकेट देने वाले? मैंने कहा दो प्रकार का सर्टिफिकेट मिलता है एक जन्म से मिलता है और दूसरा कर्म से मिलता है। कर्म के आधार पर यह समाज आपको आदिवासी का सर्टिफिकेट देता है। उम्मीद करता हूं कि आपका संघर्ष जरूरी है आप हमारे नेता हैं।
भोपाल के मानस भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पीसीसी चीफ कमलनाथ, आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रामू टेकाम, पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम सहित तमाम नेता मौजूद रहे।
आदिवासियों का डीएनए कांग्रेस का है…
कमलनाथ ने कहा रघुनाथ शाह, शंकर शाह की कुर्बानी का अपना इतिहास है। मैं दोहराना नहीं चाहता। ये हमारे लिए एक उदाहरण है कि किस तरीके से एक बाप बेटे ने अंग्रेजों के खिलाफ मुहिम छेड़ी। जेल गए और दोनों साथ-साथ तोप से उड़ा दिए गए। आप सब में एक बात बड़ी कॉमन है आप सबका खून, आप सबका डीएनए.. कांग्रेस का डीएनए है।
पेसा कानून कांग्रेस की देन, बीजेपी ने इसमें भी घोटाला किया…
आदिवासियों को 18 साल में दिया कुछ नहीं लेकिन सब कुछ छीन लिया। कितने साल लग गए पेसा कानून लाने में, अब पेसा का कानून लाए और उसकी भर्ती में भी घोटाला हो गया। पेसा कानून आपका अधिकार था। वह कांग्रेस पार्टी लाई थी। जब तक आदिवासी समाज संगठित होकर नहीं लड़ेगा। तब तक आप जहां के तहां खड़े रह जाएंगे।
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कांग्रेस की सरकार 15 महीने रही। जिसमें से ढाई महीने आचार संहिता में गए। साढे़ 11 महीने हमने अपनी नीति और नीयत का परिचय दिया। हमने किसानों का कर्ज माफ किया। आदिवासियों के हितों की योजना बनाई। अब हमें नई शुरुआत करनी पड़ेगी। आप लोग अपना डिमांड पत्र बनाएं। आपको हाथ जोड़कर नहीं मांगना पड़ेगा। आप छाती ठोक कर मांग कीजिए।
आदिवासियों पर हो रहा अत्याचार
मध्य प्रदेश में आदिवासियों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है। आप सब ने सब कुछ सीखा अपने मेहनत करना सीख लेकिन मुंह चलाना नहीं सीखा। प्रदेश में अगर सबसे पहले किसी का हक है तो हमारे आदिवासी भाइयों का हक है। इस हक की लड़ाई को हम मिलकर लड़ेंगे। आज पूरे देश में आदिवासियों पर अत्याचार मध्य प्रदेश नंबर वन है। यह केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं।
आदिवासियों को अंतिम संस्कार के लिए भटकना पड़ता है…
कमलनाथ ने कहा, लोगों को अंतिम संस्कार के लिए भी भटकना पड़ता है। आपके पास कोई भूमि नहीं है। यह हालत 2023 में है। हमारे छात्रावासों की क्या हालत है? मैं इंदौर गया था सारे आदिवासी हॉस्टल के बच्चों के साथ हमने कार्यक्रम किया। एक भी गैर आदिवासी को आने नहीं दिया। उनकी बात सुनी।बच्चों ने बताया कि, कहीं पानी नहीं तो कहीं बिजली नहीं है। छत टपक रही है।
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बड़े-बड़े अस्पताल बन गए, लेकिन डॉक्टर नहीं हैं
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा, मध्य प्रदेश में जिस प्रकार से हमारे आदिवासी दलित भाइयों पर अत्याचार किया जा रहा है। इस प्रकार की घटनाएं किसी से छिपी नहीं है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार उन कुकर्मों को दबाने का प्रयास करती है।
भाजपा की सरकार को 18 साल हो गए। लेकिन अभी भी शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। हॉस्पिटल की बड़ी बड़ी बिल्डिंग बन गई। ठेके में कमीशन ले लिया। लेकिन अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है। ये (बीजेपी) पेसा कानून की बात करते हैं। लेकिन पेसा कानून में आदिवासियों को कोई अधिकार नहीं मिला।