मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है।
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर से विधायक मनोज मंडावी (congress mla manoj singh mandavi ) का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। बताया जा रहा है कि विधायक मंडावी धमतरी जिले के सर्किट हाउस में रुके हुए थे। अचानक सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी ह्रदय गति रुक चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन से छत्तीसगढ़ की राजनीति में शोक की लहर है। सीएम भूपेश बघेल ने दुख प्रकट किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और प्रदेश की सेवा की। वे वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे हैं। 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
भूपेश बघेल ने कहा कि मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने मनोज सिंह मंडावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
वहीं, कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि यह हमारी पार्टी के लिए बड़ी क्षति है। इसके साथ ही बीजेपी नेता धर्मलाल कौशिक ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। मंडावी का अंतिम संस्कार आज ही किया जाएगा। अस्पताल के बाहर समर्थकों की बड़ी भीड़ जमा है।
इसके साथ ही विधान सभा अध्यक्ष डॉ.चरण दास महंत ने भानु प्रतापपुर के विधायक और विधान सभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में डॉ. महंत ने कहा कि, मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और प्रदेश की सेवा की।