गाजा पट्टी में झुलसे हुए चेहरे का इलाज 3डी प्रिंटेड मास्क से किया जा रहा है। यह मास्क घावों को छिपाता भी है और इलाज भी करता है। सालभर पहले यहां के फिलिस्तीनी रिफ्यूजी कैंप में गैस लीक होने के कारण आग लगी। इस घटना में 25 लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए।
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ऐसे काम करता है मास्क
गाजा शहर में डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर नाम का चैरिटी ग्रुप आगजनी में घायल मरीजों का 3डी मास्क से इलाज कर रहा है। इलाज करने वाले फिजियोथैरेपी के हेड फिराज स्यूरगो कहते हैं, यह मास्क चेहर पर दबाव बनाता है और स्किन को रिपेयर करने का काम करता है।
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इलाज से पहले 3डी स्कैनर की मदद से मरीज के चेहरे की नाप ली जाती है। इस नाप के मुताबिक ही मास्क तैयार किया जाता है ताकि यह चेहरे पर आसानी से फिट हो सके और दबाव पैदा कर सके।
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6 माह से 1 साल तक पहनना पड़ता है
इस मास्क को मरीज की स्थिति के मुताबिक, 6 माह से 1 साल तक पहनना पड़ता है। मास्क में लगे स्ट्रैप की मदद से इसे एडजस्ट किया जा सकता है। मास्क से इलाज करने के लिए प्रोजेक्ट की शुरुआत अप्रैल, 2020 में हुई थी। गाजा में 20 लोगों का इलाज इसी मास्क से किया जा रहा है। यह अभियान जॉर्डन और हैती में भी शुरू किया गया है।