आदिवासी को आदिवासी भी नहीं मानती भाजपा,विकाऊ के भरोसे लड़ती है चुनाव-दिग्विजय सिंह

आदिवासी को आदिवासी भी नहीं मानती भाजपा,विकाऊ के भरोसे लड़ती है चुनाव-दिग्विजय सिंह

Share this News

आदिवासी को वनवासी बताती है भाजपा,विकाऊ के भरोसे लड़ती है चुनाव भाजपा के पास उम्मीदवार भी नहीं-दिग्विजय सिंह

भोपाल कांग्रेस पार्टी हमेशा से आदिवासी भाइयों और जनजाति के हितों के लिए काम करती रही है लेकिन भारतीय जनता पार्टी का 16 साल का शिवराज इस बात का गवाह है कि किस तरह आदिवासियों को धोखा दिया गया है यह कहना है मध्यप्रदेश के पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का साथ ही उन्होने कहा की भोजन के अधिकार में कांग्रेस की सरकार ने जो मातृत्व लाभ की योजना बनाई थी भारतीय जनता पार्टी की सरकार उसे भी पूर्णता लागू नहीं कर सकी आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण 16 साल में समाप्त नहीं हो सका और सरकार आज वहां पर विद्यालय बंद कर शिक्षा का क्षेत्र में अंधेरा फैलाना चाहती है ।

भोपाल के सड़कों की रिपेयरिंग के लिए 70 करोड़ रुपए खर्च करेगा नगर निगम,काम शुरु

आदिवासी विभाग निकाले जनयात्रा

दिग्विजय ने आदिवासी विभाग से अपेक्षा कि कि वह जनयात्रा निकाले जो बुंदेलखंड ,महाकौशल और विंध्य क्षेत्र से गुजरे।इस यात्रा में आदिवासी भाईयों की समस्यायों,आदिवासी फंड के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की ग्राऊंड रिपोर्ट ले.।
सिंह ने रानी दुर्गावती के.शौर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई,अवंतिबाई की तरह वे अपनी जनता के लिये संघर्षरत थीं। उन्होंने कहा बहादुर महिला नेताओं में इंदिरा जी ऐसी नेता थीं जिन्होंने इतिहास ही नही भूगोल भी बदल दिया।पाकिस्तान के चीरकर दो टुकड़े कर दिये और सिक्किम को भारत का हिस्सा बना दिया।

सिंह ने कहा कि भाजपा चार दशक में न तो नेतृत्व विकसित कर पाई न नीति,आज भी बिकाऊ के भरोसे चुनाव लड़ती है और कांग्रेस को योजनाओं पर नाम बदलकर नीति की बात करती है।यह उनका चरित्र है।

हमसे व्हाट्सएप ग्रुप पर जुड़े

CBSE 10th क्लास के सैंपल पेपर जारी,ऐसे करें डाउनलोड Bhopal: आशा कार्यकर्ता से 7000 की रिश्वत लेते हुए बीसीएम गिरफ्तार Vaidik Watch: उज्जैन में लगेगी भारत की पहली वैदिक घड़ी, यहां होगी स्थापित मशहूर रेडियो अनाउंसर अमीन सयानी का आज वास्तव में निधन हो गया है। आज 91 वर्षीय अमीन सयानी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। इस बात की पुष्टि अनेक पुत्र राजिल सयानी ने की है। अब बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन वर्ष में दो बार किया जाएगा।