मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राज्य स्तरीय संगोष्ठी में प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया शामिल हुए। उन्होंने मंत्रियों, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। इस दौरान उन्होंने सभी को अनुशासन में रहने की हिदायत भी दी। इस दौरान राजधानी मध्य विधानसभा से विधायक आरिफ मसूद और बावरिया के बीच नोकझोंक हो गई।
दरअसल, दीपक बावरिया पदों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से कह रहे थे कि भोपाल में कार्यकर्ता उनके आगे पीछे रहते हैं इसलिए कहीं ऐसा ना हो भोपाल में पद अन्य जगहोंं के मुकाबले ज्यादा बंट जाएं। उन्होंने खासतौर से भोपाल का अपने भाषण में कई बार जिक्र किया। उन्होंंने सीएम से कहा कि वह प्रदेश के दूसरे शहरों का भी ध्यान रखें सिर्फ भोपाल की झोली में ही सब पद न चले जाएं।
इस बात पर मध्य विधानसभा से विधायक आरिफ मसूद खड़े ने नाराज़गी जाहिर की। उन्होंंने कहा कि प्रदेश में बीते 15 साल से कांग्रेस सत्ता से बाहर थी। राजधानी में मख्यमंत्री निवास के बाहर या फिर अन्य मामलों में कांग्रेस नेताओं ने संघर्ष किया है पुलिस की लाठियां खाई हैं। इस तरह भोपाल के कार्यकर्ताओं के बारे में भेदभाव की बात करना सही नहीं है। मंच पर मुख्यमंत्री कमलनाथ भी बैठे थे। जब उन्होंने मसूद की ओर इशारा किया तो वह अपनी बात कह कर बैठ गए।
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गौरतलब है कि भोपाल में पूर्व भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस के सबसे सक्रिय नेताओं में आरिफ मसूद शुमार रहे हैं। उन्होंने पार्टी के लिए जरूरत पड़ने पर जमकर विरोध प्रदर्शन किए और कई बार पुलिस की लाठियां भी खाईं। अब जब सरकार सत्ता में आई है तो भोपाल में पदों के बंटवारे को लेकर भोपाल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बारे में ऐसा कहने पर उन्होंने नाराजगी ज़ाहिर की।
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उनके इस तरह से विरोध करने पर कई कांग्रेस नेताओं ने समर्थन जताया। कांग्रेस के कई नेताओं ने कहा कि आरिफ मसूद ने कोई गलत बात नहीं कही है। भोपाल में पार्टी का परचम बुलंद रखने के लिए यहां के नेताओं ने अहम भूमिका निभाई है। जिसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है।
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