कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. इस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. सोनिया गांधी ने कहा कि 21 दिन का लॉकडाउन जरूरी था, लेकिन इसे अनियोजित तरीके से लागू किया गया. लॉकडाउन के कारण लाखों प्रवासी मजदूरों का उत्पीड़न हुआ.
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मोदी सरकार से मांग करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार को डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदान करना चाहिए. सरकार को नामित अस्पतालों, बेड की संख्या, क्वारनटीन और परीक्षण सुविधाओं और चिकित्सा आपूर्ति का विवरण प्रकाशित करना चाहिए. फसल कटाई के लिए किसानों पर लगा प्रतिबंध हटाना चाहिए.
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सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार से मध्यम वर्ग के लिए एक सामान्य न्यूनतम राहत कार्यक्रम तैयार करने और प्रकाशित करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों, फ्रंटल संगठनों, हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ना चाहिए और उन परिवारों को अपनी मदद की पेशकश करनी चाहिए जो अत्यधिक जोखिम में हैं.
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मजदूरों के पलायन पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम दो महीनों से कोरोना पर नजर बनाए हुए हैं और विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं. दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है, जो मजदूरों के रहने, खाने और उनके राशन की व्यवस्था किए बिना लॉकडाउन का ऐलान कर देता है.
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वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘यूपी के मजदूरों के पलायन की तस्वीर को देखकर दिल दुखता है. हमारे कार्यकर्ता इन मजदूरों को खाना और दवाएं दे रहे हैं. इन मजदूरों को अमानवीय तरीके से क्वारनटीन किया जा रहा है और इन पर कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है.’