
भोपाल में जर्जर बिल्डिंग बनी खतरा कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा 2 साल पहले सर्वे में 791 बिल्डिंगों का नाम सामने आया था और अब लक्की पल 48 बिल्डिंग की जा सकी है
भोपाल में जर्जर भवनों की संख्या 791 है। ये आंकड़ा 2 साल पहले का है, क्योंकि नगर निगम ने तभी सर्वे कराया था। तब से लेकर अब तक सिर्फ 48 ही हटाए गए, वो भी आंशिक तौर पर। बाकी भवन अब भी नगर निगम के जिम्मेदारों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। बारिश से पहले रस्म के तौर पर वे नोटिस जारी जरूर करते हैं, लेकिन हटाने की जहमत नहीं उठा पाते। यही कारण है कि बारिश में इन भवनों के गिरने का डर बना रहता है। वर्तमान में भी ऐसे कई मकान है, जो कभी भी गिर सकते हैं। पुराने शहर में इनकी संख्या लगभग 90% है।
बारिश से पहले ही निगम अधिकारियों को जर्जर भवनों की याद आती है। इस बार भी नोटिस देने की रस्म अदा की गई है, लेकिन हटाने की बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। इस कारण जर्जर भवन बारिश में बड़े हादसे की वजह बन सकते हैं
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भोपाल में 2 साल के भीतर बड़े हादसे

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- 31 अगस्त 2020 को सदर मंजिल हिस्सा गिर गया था। इस कारण 11 वाहन दब गए थे।
- कर्फ्यू वाली माता मंदिर के पास नवाब की कोठी का हिस्सा 2 साल पहले गिर चुका है।
- चौक बाजार में एक सरकारी स्कूल भवन का बड़ा हिस्सा गिरा था।
कार्रवाई की जाएगी
शहर में जिन स्थानों पर जर्जर भवन है, उन्हें हटाया जाएगा। इस संबंध में एई को निर्देश दिए गए हैं।
केवीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर नगर निगम भोपाल