केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) को आतंक विरोधी कानून के तहत बैन कर दिया है.
केंद्र का यह फैसला अलगाववादियों पर बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है. बता दें कि अलगाववादी नेता यासीन मलिक जेकेएलएफ के प्रमुख हैं. बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पुलवामा हमले के 8 दिन बाद 22 फरवरी को यासीन मलिक को गिरफ्तार किया था.
जेकेएलएफ पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन करने का आरोप लगता रहा है. जानकारी के मुताबिक JKLF को सबसे कमजोर संगठन माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई थी. तीन महीने से ये प्रक्रिया चल रही थी. इससे पहले जमात ए इस्लामी पर भी बैन लगाया जा चुका है. ये साफ संदेश देता है कि अलगाववाद के खिलाफ सरकार की कड़ी नीति जारी है और इसे और कड़ा किया जा रहा है.
Central government bans Separatist Yasin Malik led Jammu Kashmir Liberation Front. pic.twitter.com/W9R2NrdOFj
— ANI (@ANI) March 22, 2019
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस सिलसिले में पिछले कई दिनों से जम्मू कश्मीर में छापेमारी कर रही थी. इस कड़ी में ईडी ने यासीन मलिक के कई ठिकानों पर भी छापेमारी की थी.
गौर हो कि मोदी सरकार ने हाल ही में जमात-ए-इस्लामी संगठन को अलगाववादियों का पीछे से समर्थन कर के आरोप में बैन कर दिया था. साथ ही 26 फरवरी को टेरर फंडिंग के मामले में एनआईए ने घाटी में कई जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मीरवाइज उमर फारुक, मोहम्मद अशरफ खान, मसर्रत आलम, जफर अकबर भट्ट और सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी का नाम शामिल हैं.
छापेमारी के बाद 28 फरवरी को केंद्र की मोदी सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (जेईआइ) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. इसके तहत गृह मंत्रालय की कार्रवाई में जेईआइ के प्रमुख हामिद फैयाज सहित 350 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार घाटी में मौजूद अलगाववादी नेताओं पर शिकंजा कसती जा रही है.
अलगाववादी नेताओं पर केंद्र की कार्रवाई लगातार जारी है. इससे पहले जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के ठिकानों पर अवैध तरीके से विदेशी मुद्रा रखने के आरोप में छापेमारी की गई थी, जिसके बाद गिलानी पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. साथ ही करीब 6.88 लाख रुपये कुर्क भी किए गए थे. इसी दौरान ईडी सूत्रों ने इस बात की जानाकारी दी थी कि गिलानी के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के पूर्व अध्यक्ष यासीन मलिक पर भी कार्रवाई कर सकती है.
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इसके अलावा गृह मंत्रालय के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 22 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और सरकारी सुविधाएं वापस ले ली गई थी. साथ ही घाटी के 155 नेताओं को दी गई सुरक्षा में बदलाव किया था. इस सूची में भी यासीन मलिक का नाम शामिल था. हालांकि, उस दौरान यासीन मलिक ने कहा था कि सरकार ने उसे कोई सुरक्षा दी ही नहीं थी.
@विचारोदय