सिद्धगंगा मठ के संत का निधन, पीएम मोदी मानते थे इन्हें अपना गुरू

Share this News

कर्नाटक के प्रसिद्ध सिद्धगंगा मठ के महंत शिवकुमार स्वामी का 111 साल की उम्र में निधन हो गया.

मठ ने सोमवार दोपहर स्वामी के निधन की घोषणा की, जिसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा और दूसरे कई बड़े नेताओं ने अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और सिद्धगंगा मठ के लिए निकल पड़े.

स्वामी के निधन के बाद राज्य में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने डिप्टी सीएम जी परमेश्वर, गृहमंत्री एमबी पाटिल और जिला प्रशासन के साथ बैठक बुलाई.लिंगायत समुदाय के संत शिवकुमार स्वामी पिछले दो महीनों से अस्पताल में थे. उनके निधन की जानकारी डॉ परमेश शिवाना ने मीडिया को दी. शिवाना सिद्धगंगा हॉस्पिटल में डॉक्टर हैं और वे ही शिवकुमार स्वामी का इलाज कर रहे थे. उन्होंने बताया कि शिवकुमार स्वामी का ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया था और साथ ही प्रोटीन लेवल भी गिर गया था.लंबे वक्त से चल रहे थे बीमार
शिवकुमार स्वामी की तबीयत में पिछले दो महीनों से उतार चढ़ाव देखा जा रहा था. उन्हें रविवार रात से वेंटिलेटर पर रखा गया था.गौरतलब है कि पिछले महीने चेन्नई के एक निजी अस्पताल में स्वामी के पित्ताशय और यकृत की बाईपास सर्जरी की गई थी. बाद में उनको बेंगलुरु लाया गया था. वहां से उन्हें तुमकुरु के सिद्धगंगा मठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था.क्यों इतना महत्व रखते थे शिवकुमार स्वामी?
लिंगायत समुदाय में स्वामी की भगवान के जैसी आस्था थी. सिद्धगंगा मठ राज्य में कई शिक्षण संस्थानों और अस्पताल सहित, इंजीनियरिंग और बिजनेस के संस्थानों का भी संचालन करता है.कर्नाटक के 30 जिलों में लिंगायत समुदाय के मठ का जाल फैला हुआ है. यह समुदाय कर्नाटक की राजनीति में राजनीतिक समीकरणों को बनाने और बिगाड़ने का माद्दा रखता है.

कुल वोटरों में इस समुदाय के वोटरों का भाग 18 प्रतिशत है.लिंगायत समुदाय का सबसे प्रमुख मठ बंगलुरू से 80 किमी दूर तमकुरू में स्थित है. इस मठ को भाजपा के समर्थन में ही देखा जाता है. इसी मठ के प्रमुख थे, शिवकुमार स्वामी. राज्य में इसके कुल मठ 400 से भी ज्यादा है.बड़े-बड़े नेता आकर सामने झुकाते थे माथा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी संत शिवकुमार स्वामी से मुलाकात की थी.

उन्होंने मुलाकात के बाद अपने अनुभव को ईश्वर से मिलने जैसा बताया था. उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने स्वामी से कर्नाटक विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के लिए आशीर्वाद मांगा था.अमित शाह से पहले नरेंद्र मोदी भी उनके दर्शन करने सिद्धगंगा मठ पहुंचे थे. उसके अलावा कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान ही राहुल गांधी भी स्वामी से मिले थे और उनसे आशीर्वाद लिया था.भारत रत्न देने की भी उठी थी मांग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेता उन्हें अपना गुरु मानते हैं. वर्ष 2007 में उनके 100वें जन्मदिन पर तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने शिवकुमार स्वामी को राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘कर्नाटक रत्न’ से नवाजा था. वर्ष 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था, जबकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मांग उठा चुके हैं.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और जगदीश शेट्टार के बाद कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न देने की मांग की थी. साल 2006 में भी नेताओं ने उन्हें भारत रत्न देने की सिफारिश की थी. नेताओं ने यह भी कहा था कि अगर इस मांग को लेकर पीएम मोदी से भी मिलना पड़ा तो भी वे मिलेंगे.
https://twitter.com/narendramodi/status/1087275806382931968?s=20

@vicharodaya

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्यों इतनी तेजी से फैल रहा आई फ्लू,काला चश्मा पहनने से मिलेगा लाभ कैसै बना बजरंग दल,जाने क्या है इसका इतिहास जानिए पहलवानों के आरोप और विवादों में घिरे ब्रजभूषण शरणसिंह कौन है?. Most Dangerous Dog Breeds: ये हैं दुनिया के पांच सबसे खतरनाक कुत्ते जाति प्रमाण पत्र कैसे बनाये, जाति प्रमाण पत्र कितने दिन में बनता है