अनपढ़ की जगह पढ़े लिखे प्रत्याशी से होगा बदलाव??

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अनपढ़ होने पर भी पूरे देश में विधायकों की औसत कमाई आम आदमी से कई गुना अधिक है। यूं तो अगर अपने देश की राजनीति के बारे में बात की जाए तो उनके क्या कहने

मध्यप्रदेश में होने वाले 2018 के चुनाव इस बार खास और भी इसीलिए बन जाते है क्योंकि इस बार यंग जनरेशन को देखते हुए सभी पार्टियों ने अपने पड़े लिखे प्रत्याशियों को मैदान में उतार है जिसमे इंजीनियर,डॉ,आईपीएस,वकील, इत्यादि शामिल है

मुद्दा उठा रहा था कि जब अशिक्षित, संवेदनहीन, आपराधिक पृष्ठभूमि के नेता सदन में बैठेंगे तो उसकी छाप तो दिखाई ही देगी। इनकी जगह पर यदि संवेदनशील और पढ़े-लिखे लोग जनप्रतिनिधि बने तो स्थितियां बेहतर होंगी। एक स्वर से कहा कि नहीं बदले नेता तो जनता मजबूर कर देगी। अब जागरूक युवा राजनीति में रुचि ले रहे हैं, गंदगी साफ होकर रहेगी।

एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस पार्टी ने 7 डॉक्टर, 27इंजीनियर ,63 वकील ,9 ग्रेजुएट नेताओ को प्रत्याशी बनाया है।

एक साफ और सुरक्षित सरकार को चुनने के लिए अपने मतदान केंद्र में 28 नवम्बर को वोट देने जरूर जाए।

@शिखा विश्वकर्मा_विचारोदय

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